1 कुरिन्थि 6:18 - गढवली नयो नियम18 व्यभिचार बट्टी बचयां रावा, मनिख्युं द्वारा किये ग्यां और पाप वेकी देह तैं उथग प्रभावित नि करद जथग यु करद, पर व्यभिचार कन वलो अपड़ी ही देह का विरुद्ध मा पाप करद। Gade chapit laGarhwali18 इलै हे मेरा भै-बैंणो, एक-दुसरा का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध रखण से भागा, किलैकि दुसरा पाप मनखि का सरील तैं नुकसान नि पौंछन्दिन, मगर जु लोग गळत सम्बन्ध रखण मा लग्यां रौनदिन, वु अपणा सरील का खिलाप मा पाप करदिन। Gade chapit la |