1 कुरिन्थि 5:11 - गढवली नयो नियम11 पर मेरू बुल्ण इन च, कि जु कुई अपड़ा आप तैं विश्वासी बुल्ण वलो हो अर व्यभिचारी, य लोभि, य मूर्तियों तैं पुजण वलो, य गल्ली दींण वलो, य पियक्कड़, य धोखा दींण वलो हो त वेको दगड़ो नि करयां बल्कि इन मनिख का दगड़ा मा खांणु भि नि खैयां। Gade chapit laGarhwali11 अर यू सब बतौणु खुणि ही मि तुम खुणि इन लिखणु छौं, कि तुमतै इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा मेल-जोल नि रखण चयेणु, जु खुद तैं मसीह का लोग बतौन्दिन, मगर दुसरो का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध रखदिन, या लालची छिन, अर मूरत पूजा या गळी देण वळा छिन, या फिर दरोळया, दुसरो तैं धोखा देण वळा छिन। अरे, मि तुमतै बतै देन्दु कि इन्द्रया लोगु का दगड़ा मा खाणुक खाण भि छोड़ि द्या। Gade chapit la |
पर जु मि पर विश्वास नि रखदींनि, ऊं तैं जोर जबरदस्ती ल गन्धक ल जलांण वली वीं झील मा शामिल किये जालो, जु कि दुसरी मौत च अर यु ही परिणाम ऊंको भि होलो, जु लुखुं का संमणी मि तैं स्वीकार कन से डरदींनि, बुरा काम करदींनि, जु हत्यारा छिनी, यौन रूप बट्टी अनैतिक छिनी, जादु-टूणा करदींनि अर मूर्तियों की पूजा करदींनि अर झूठ बुल्दींनि।”
पर मि तैं तेरु बारा मा कुछ शिकैत च, किलैकि तू ऊं लुखुं कु विरोध नि करदी जु झूठी शिक्षा दींदिनि, जन के पिता परमेश्वर का तरपां बट्टी बुल्ण वला बिलाम ल पिछला बगत मा द्ये छै। बिलाम ल राजा बालाक तैं सिखै कि इस्राएल का लुखुं का पाप कनु कु उकसांणु कु क्य कन चयणु च। वेल ऊं तैं मूर्तियों की बलि चढ़यां खांणु, खांण अर अनैतिक रूप से जीवन जींण सिखै।