1 कुरिन्थि 15:34 - गढवली नयो नियम34 तुम तैं अपड़ी सुध-बुध मा ठिक ढंग से सुचण चयणु च, अर पाप कन बंद कैरी दींण चयणु च; किलैकि तुम मा बट्टी कुछ कु पिता परमेश्वर का दगड़ी सै रिश्ता नि च, मि तुम तैं शर्मिन्दा कनु कु यूं बुल्णु छो। Gade chapit laGarhwali34 हे मेरा भै-बैंणो, जरा होस मा आ अर जु कुछ गळत च वेतैं करण छोड़ि द्या, किलैकि तुम मा बटि कुछ लोग इन छिन जु कि ईं बात तैं स्वीकार नि करदिन कि परमेस्वर मुरदो मा बटि ज्यून्द करलु। अर या बड़ा सरम की बात च, कि तुम मा बटि कुछ लोगु न अभि तक परमेस्वर तैं नि पछ्याणी। Gade chapit la |
पर हमारा कुछ विश्वासी अभि तक भि नि जणदींनि कि मूर्तियों मा कुई शक्ति नि च, किलैकि उ पैली ऊं मूर्तियों की पूजा करदा छा, अब जब उ ऊं मूर्तियों तैं चढ़यूं बलि कु खांणु खंदींनि, उ गलत सुचदींनि कि उ अभि भि ऊं मूर्तियों की पूजा मा शामिल छिनी, अर उ यूं सोचि के परेशान हुन्दींनि कि जु उ मूर्तियों तैं चढ़यूं खांणु खंदींनि त ऊंल पाप कैरेले।