1 कुरिन्थि 12:23 - गढवली नयो नियम23-24 अर देह का जौं अंगों तैं हम कम आदरयोग्य समझदां ऊं तैं ही हम जादा आदर दींदयां; अर हमारा शोभाहीन अंग और भि भौत शोभयमान हवे जंदींनि, अर जौं अंगों तैं हम कम आदर का योग्य मंणदयां ऊं तैं सबसे जादा ध्यान ल कपड़ा पैरोदयां। इलै हम ध्यान से ऊं हिस्सों की रक्षा करदां जौं तैं नि दिखै जांण चयणु च, जबकि जादा आदरयोग्य हिस्सों तैं यु विशेष देखभाल की जरुरत नि हूंदी। इलै पिता परमेश्वर ल देह तैं यु हिसाब से बणै कि ऊं हिस्सों तैं जादा सम्मान अर देखभाल दिये जौं जौको महत्व कम च। Gade chapit laGarhwali23 अर सरील का जौं अंगो तैं हम कम इज्जत का लैख समझद्यां, ऊंतैं हम ढाकी के रखद्यां अर ऊंतैं और भि जादा इज्जत देन्द्यां। अर इन कैरिके सरील का जु अंग इज्जत का लैख नि समझै जनदिन, ऊंतैं और भि जादा इज्जत मिलदी। Gade chapit la |