तीतुस 1:6 - Garhwali6 अर वे अध्यक्ष तैं तभि चुणी के ठैरैये जौ, जब उ निरदोष हो अर वेकी एक ही घरवळी हो। अर वेका बाल-बच्चा बिस्वासी हो, अर कै बात तैं नि मनण को दोष ऊं पर नि लग्यूं हो अर ना ही ऊंमा कुई जंगळि सभौ हो। Gade chapit laगढवली नयो नियम6 अगुवा तैं निर्दोष हूंण चयणु च, अर अपड़ी जनन का प्रति वफादार, जौं का नौंना बाला विश्वासी हूंनु, अर देह की इच्छाओं पर नि चलणवला, पर ब्वे-बुबा को आदर कन वलो हो। Gade chapit la |
अर हम यू भि जणद्यां, कि परमेस्वर का नियम-कानून धरमी लोगु खुणि नि दिये गैनी, पर ऊं लोगु खुणि दिये गैनी जु लोग नियम-कानूनों तैं नि मणदिन, अर अधिकारी लोगु की बात नि मणदिन, परमेस्वर को आदर-सम्मान नि करदिन, पाप करदिन, दुष्ट जीवन जीण वळा छिन, अर परमेस्वर की बातों तैं नि मणदिन, अर ब्वे-बबों तैं जान से मरण वळा, अर हत्या भि करदिन।