तीतुस 1:15 - Garhwali15 अर जौं को मन शुद्ध च इन्द्रया लोगु खुणि सब कुछ शुद्ध च, पर जौं लोगु का मन मा बुरै भुरीं च अर जु बिस्वास नि करदिन ऊं खुणि कुछ भि शुद्ध नि च। अर ऊं लोगु की अकल अर मन इन बिगाड़ि गै, अर ऊंतैं इन पता नि च कि क्या जि सही च अर क्या जि गळत। Gade chapit laगढवली नयो नियम15 ऊं लुखुं कु जूंको दिमाग शुद्ध च, ज्यां मा पापमय जीवन नि च, व्यवस्था का अनुसार सभि चीज शुद्ध छिनी, पर ऊं लुखुं कु जु बुरा छिनी, अर जु यीशु पर विश्वास नि करदींनि, जु कुछ भि उ करदींनि उ अशुद्ध च, किलैकि ऊंको दिल दिमाग अर द्वी ही पूरा ढंग ल बुरो हवे गै। Gade chapit la |
पर फिर भि यू ज्ञान सब लोगु का पास नि च, किलैकि कुछ लोगु का बिंगण मा त अभि तक नि ऐ कि मूरतों मा कुई भि ताकत नि होन्दी। अर इन्द्रया लोग पैलि त मूरतों की पूजा करदा छा, अर ऊंका अगनै चड़ईं चीजों तैं खान्दा छा। अर अब जब वु लोग खाणुक खनदिन, त इन सोचदिन कि कखि यू मूरतों का अगनै चड़यूं खाणुक त नि च। तब ऊंको जमीर कमजोर होण की वजै से ऊंतैं दोषी ठैरान्दु, अर ऊ लोग इन बुल्दिन कि, “अरे, हम पाप कना छां।”
किलैकि यीशु मसीह मा पाप ही नि छौ, अर वेन खुद तैं एक बलिदान का रुप मा पिता परमेस्वर का समणि दे दिनी, अर यू बलिदान आत्मिक अर सदनि तक रौण वळु च। इलै वेको ल्वे भौत जादा महान च, जु कि हमरा जमीर तैं शुद्ध करदु, ताकि हम ज्यून्दा परमेस्वर की पवित्र सेवा कैरी सैका। अर हम इन्द्रयो कुई भि काम नि कैरा, जु की हमतै सदनि की मौत की तरफा लेके जौ।