रोमियों 6:21 - Garhwali21 अर जौं कामों का खातिर आज तुमतै सरम औन्दी, जब तुम ऊं कामों तैं कना छा त तुमतै वे बगत मा क्या-क्या फैदा ह्वे? अरे, इन्दरि बातों को कुई फैदा नि च यों को नतीजा त केवल मौत ही च। Gade chapit laगढवली नयो नियम21 अपड़ा पुरणा जीवन बट्टी तुम तैं क्य फैदा हवे? तुम वेका कारण भस शर्मांदा हुंदा छा, किलैकि ऊं कामों कु नतीजा मौत च। Gade chapit la |
देखा, परमेस्वर की मनसा का मुताबिक जु दुख तुमतै ह्वे वां से तुमरा भितर इथगा इच्छा पैदा ह्वे, कि तुमुन खुद पर लग्यां कलंक तैं दूर करण की हिम्मत दिखै। अर अपणी गळती पर तुम सरमसार होयां, अर तुमरा भितर परमेस्वर की डौऽर पैदा ह्वे, अर यां की वजै से जु जबरदस्त इच्छा अर जोस तुमरा भितर पैदा ह्वे, वेकी वजै से तुमुन अपणी गळती सुधारी अर इन साबित कैरी कि तुम ये मामला मा बेदाग छाँ।
अर क्या तुम नि जणद्यां, जब तुम खुद तैं एक गुलाम की तरौं दुसरो का सुपुर्द कैरी देन्द्यां, तब तुम उई काम करद्यां, जन तुमरो मालिक चान्दु। अर ठिक उन्नि जु मनखि पाप की सेवा करदु वेका बदला मा वे खुणि मौत रखी च, अर जु मनखि पिता परमेस्वर की आज्ञा को पालन करदु वांका बदला मा वे खुणि सदनि को जीवन रख्युं च।
अर हमुन इन ठाणियालि कि हम इन्द्रयो कुछ भि नि करुला ज्यां से कि हमतै सरम अऽ। अर हमुन कभि भि चालाकी चलि के तुमतै धोखा देण की कोसिस नि कैरी, जन कि कुछ लोग करदिन। अर ना ही हम परमेस्वर का वचन मा मिलावट करद्यां, बल्किन मा हम त सच्चै से सिखौन्द्यां अर उ भि इन जाणि के कि परमेस्वर हमतै दिखणु च। अर यू सब हम इलै करद्यां, ताकि हम सब लोगु खुणि एक उदारण बणि जां।