रोमियों 14:14 - Garhwali14 अर मि प्रभु यीशु का बार मा जणदु छौं, अर वेसे जु बिस्वास मितैं मिलदु वां से इन साबित ह्वे जान्दु, कि कुछ खाण से कुई भि चीज मितैं अशुद्ध नि करदी। मगर कुछ लोग इन सोचदिन, कि ऊंका कुछ खाणुक खाण से वु अशुद्ध होणा छिन, त ऊं खुणि वु खाणुक अशुद्ध च। Gade chapit laगढवली नयो नियम14 मि जंणदु छौं अर प्रभु यीशु बट्टी मि तैं निश्चय हवे, कि सभि खांणु खांण कु ठिक च, पर जु सभि खांणु तैं अशुद्ध समझद, वेको अशुद्ध च। Gade chapit la |
पर फिर भि यू ज्ञान सब लोगु का पास नि च, किलैकि कुछ लोगु का बिंगण मा त अभि तक नि ऐ कि मूरतों मा कुई भि ताकत नि होन्दी। अर इन्द्रया लोग पैलि त मूरतों की पूजा करदा छा, अर ऊंका अगनै चड़ईं चीजों तैं खान्दा छा। अर अब जब वु लोग खाणुक खनदिन, त इन सोचदिन कि कखि यू मूरतों का अगनै चड़यूं खाणुक त नि च। तब ऊंको जमीर कमजोर होण की वजै से ऊंतैं दोषी ठैरान्दु, अर ऊ लोग इन बुल्दिन कि, “अरे, हम पाप कना छां।”
अर वेन ऊंकू बोलि कि, “तुम लोग त जणदा ही छाँ, कि कै भि यहूदी जाति का मनखि तैं दुसरि जाति का लोगु का दगड़ा मा कन्द्रयो भि मेल-जोल रखण या ऊंका इख जाण, हमरा नियम-कानूनों का खिलाप मा च। मगर फिर भि परमेस्वर न मितैं इन दिखै, कि मि कै भि मनखि तैं इन नि समझु, कि वु पवित्र नि च या परमेस्वर कैतैं स्वीकार नि करदु।