अर अब तुमुन खुद वे सच्चा वचन तैं स्वीकार कैरिके अफ तैं शुद्ध कैरियाली। इलै अब तुम लोग अपणा बिस्वासी भै-बैंण का दगड़ा मा दिल से सच्चु प्यार कैरा, इन्द्रयो प्यार जैमा कुई कपट नि हो।
हरेक मनखि को आदर-सम्मान कैरा, अर जु बिस्वासी भै-बैंणा तुमरा दगड़ा मा छिन, ऊं से प्यार कैरा। अर पिता परमेस्वर पर अपणी पूरि सरदा रखा, अर राजा को आदर-सम्मान कैरा।
अर बिस्वासी भै-बैंणो बटि प्यार करण का बारा मा तुमकु कुछ लिखण मि जरुरी नि समझदु, किलैकि परमेस्वर न तुमतै खुद यू सिखैयेलि, कि आपस मा एक-दुसरा बटि प्यार कैरा।
हे मेरा भै-बैंणो, तुमतै आजादी को जीवन जीणु खुणि बुलये गै। अर ईं आजादी को इस्तेमाल तुम अपणा सरील की इच्छा तैं पूरि करणु खुणि नि लगा, बल्किन मा ईं आजादी को इस्तेमाल प्यार से एक-दुसरे की सेवा करण मा लगा।
पर पवित्र आत्मा को हमरा जीवन मा होण से इन गुण परगट होला जन कि, एक-दुसरा से प्यार करण, खुशी से रौण, शान्ति को जीवन, अर सबर रखण, दुसरो पर दया करण, भलै का काम करण, इमानदार रौण,
अर अगर कुई इन बुल्दु कि, “मि परमेस्वर से प्यार करदु,” मगर दुसरा लोगु से उ नफरत करदु हो, त ईं बात तैं जाणि ल्या कि इन्द्रयो मनखि झूठ्ठों च। किलैकि जौं लोगु तैं वेन अपणा समणि देखि, ऊं से उ प्यार नि कैरी सकणु च। अर जै परमेस्वर तैं वेन कभि नि देखि, त वेसे उ कनकै प्यार कैरी सकलु।
अर ठिक इन्नि, हे ज्वान लोगु, तुम भि अध्यक्षों का अधीन मा रा, अर एक-दुसरा का दगड़ा मा नमर बरतौ रखा, किलैकि पवित्रशास्त्र मा इन लिख्यूं च कि, “परमेस्वर बड़ु मोन करण वळा लोगु का खिलाप मा रौन्दु, मगर दीन लोगु पर किरपा करदु।”
अर बिस्वास करण वळा सब लोग एक दिल अर एक मन ह्वेके रौन्दा छा। इख तक कि ऊंमा बटि कुई भि अपणी जैजाद तैं अपणु नि बुल्दु छौ, अर वु अपणी सब चीजों को आर-सार एक-दुसरा का दगड़ा मा करदा छा।
पर जब त्वेतै कै को न्यूत्युं हो त सबसे पिछनै बैठि, ताकि जब उ अऽ जैको त्वेतै बुलयूं च, तब उ त्वेतै देखि के बोललु, ‘अरे दगड़्या, अगनै बैठ।’ तब तेरा दगड़ा मा बैठयां लोगु का समणि तेरु बड़ु आदर-सम्मान होलु।
किलैकि हमुन तुमरा वे बिस्वास का बारा मा सुणी जु कि तुम प्रभु यीशु मसीह पर करद्यां, अर वे प्यार का बारा मा भि सुणी जु कि तुम बिस्वासी लोगु से करद्यां।
अर जब हम यीशु मसीह पर बिस्वास करद्यां, त वेका बाद खतना का रिवाज तैं पूरु करण या नि करण से कुई फैदा नि च, पर केवल बिस्वास ही च जु कि दुसरा लोगु पर हमरा प्यार की छाप तैं लगौन्दु।
ताकि ऊ सभ्या का सभि एक ह्वे जा। हे मेरा पिता, जन तुम मि मा छाँ अर मि तुम मा छौं, ठिक उन्नि ऊ भि हम मा बणयां रा ताकि दुनियां का लोग बिस्वास कैरा, कि तुमुन ही मितैं भेजि च।