रोमियों 1:27 - Garhwali27 अर ठिक इन्नि आदमियों न भि जनानियों का दगड़ा मा ना, बल्किन मा कुदरत का खिलाप मा जैके बैखों खुणि इच्छा रखी के ऊंका दगड़ा मा सरील का सम्बन्ध बणैनी। अर ऊ अपणा आपस मा इन्दरि बात बुल्दिन जौं पर सरम औन्दी। अर गळत काम करण वळा इन्द्रया लोगु तैं जरुर दण्ड दिये जाणु रालु। Gade chapit laगढवली नयो नियम27 ऊं ही आदिम भि जननों का दगड़ा मा स्वभाविक बरतौ छोड़ी कै आपस मा कामातुर हवे के जलण लगि गैनी, अर आदिमों ल आदिमों का दगड़ा मा कुकर्म कैरी कै अपड़ा मथि अपड़ी ही गलतियों कि सजा तैं लौदींनि। Gade chapit la |
हे मेरा भै-बैंणो, मि तुमतै यू भि याद दिलौण चान्दु कि जन सदोम, अमोरा अर वेका आस-पास का नगरों का लोग गळत सम्बन्ध रखण वळा ह्वे गै छा, इख तक की उखा लोग अपणा सरील की इच्छा तैं पूरु करण खुणि एक बैख दुसरा बैख का दगड़ा मा सरील का गळत सम्बन्ध रखण लगि गै छा। तब वे बगत मा पिता परमेस्वर न ऊं नगरों को कभि नि बुझण वळी आग का द्वारा नास कैर दिनी, अर आज वु सब हम सभ्यों खुणि सदनि खुणि एक उदारण बणि गैनी।