दिब्य दरस 9:4 - Garhwali4 अर ऊंकू इन बुले गै कि ऊ नऽ त धरती की घास तैं, ना ही कैं हरीं चीज तैं अर ना ही कैं डाळी-बोटी तैं नुकसान पौंछा, पर ऊं लोगु तैं ही नुकसान पौंछा, जौं का माथा पर परमेस्वर की मोर नि च। Gade chapit laगढवली नयो नियम4-5 जन कै तैं बिच्छी का डंक मरण बट्टी दर्द हूंद, उन ही यूं टिड्डियों तैं पाँच मैना तक ऊं लुखुं तैं तड़पांणै की अनुमति दिए गै छै, जैका कपाल पर पिता परमेश्वर की मुहर कु निशान नि छो। पर ऊं बट्टी बुलै गै छो कि ऊं तैं न त धरती की घास तैं, न कै पौधा तैं, अर न ही कै डाला तैं नुकसान पौंछयां। Gade chapit la |