दिब्य दरस 7:15 - Garhwali15 इलै यू लोग परमेस्वर का मन्दिर मा रै के वेकी सेवा करदिन। अर वेकी राजगद्दी का समणि खड़ा छिन। अर परमेस्वर जु कि राजगद्दी पर बैठयूं च उ ऊंका दगड़ा मा च अर ऊंकी देख-रेख करदु। Gade chapit laगढवली नयो नियम15 इलै ही उ पिता परमेश्वर का सिंहासन का संमणी खड़ा छा, अर उ हर बगत दिन अर रात पिता परमेश्वर का स्वर्गीय मन्दिर मा वेकी सेवा करदींनि; अर उ जु सिंहासन पर बैठद, ऊंका बीच रालो अर ऊंकी देखभाल करलो। Gade chapit la |
अर मनखि खुद परमेस्वर को मन्दिर च, किलैकि ज्यून्द परमेस्वर अपणी पवित्र आत्मा का द्वारा हम मा रौन्दु, इलै मूरतों का दगड़ा मा परमेस्वर का मन्दिर को कुई रिश्ता नि च। अर जन कि पवित्रशास्त्र मा भि लिख्यूं च की परमेस्वर इन बुल्दु कि, “मि ऊंमा रौलु, अर ऊंका दगड़ा मा चललु, अर मि ऊंको परमेस्वर होलु, अर ऊ मेरा लोग होला।”
अर जन एक खिलाड़ी दौड़ मा अपणी नजर जीत की आखिरी रेखा पर टिकै के रखदु, ठिक उन्नि हम भि यीशु मसीह पर अपणी नजर रखा, अर वेका पिछनै चला, अर वे बटि सीखा कि हमतै परमेस्वर पर कनकै पूरु बिस्वास बणै के रखण चयेणु। हाँ, किलैकि यीशु न वीं खुशी तैं ज्वा कि वेतैं मिलण वळी छै, वींका समणि क्रूस को दुख अर होण वळी बेजती तैं कुछ भि नि समझि, अर अब वु परमेस्वर की राजगद्दी की दैंणी तरफा बड़ा आदर-सम्मान का साथ बैठयूं च।