दिब्य दरस 6:1 - Garhwali1 फिर मिन देखि कि वे मेम्ना न सात मोरो मा बटि एक मोर तैं खोली, अर मिन चार पराणों मा बटि एक तैं बादळों की गगड़ट की तरौं ऊँची आवाज मा इन बुल्द सुणी, “अऽ।” Gade chapit laगढवली नयो नियम1 फिर मिल देखि कि चिनखा ल ऊं सात मुहरों मा बट्टी एक तैं खोलि; अर मिल चरी ज्यून्दा प्राणियों मा बट्टी एक तैं बुल्द सूंणि। वेकी आवाज गिडगिडांण का जन तेज छै, वेल बोलि, अब “औ।” Gade chapit la |