दिब्य दरस 21:4 - Garhwali4 अर परमेस्वर ऊंका आंख्यों का सब आंसुओं तैं फुंजी द्यालु, फिर नऽ त मौत रैलि, ना शोक, नऽ रुंण-धुण अर ना ही कुई पीड़ा, किलैकि जु बात पैलि छै अब वु सब खतम ह्वे जालि।” Gade chapit laगढवली नयो नियम4 अर पिता परमेश्वर ऊंकी आँखों बट्टी सभि आँसूओं तैं फूंजी दयालो; अर कुई भि आदिम कभी भि दुःख महसूस नि करलो या रूलो न, किलैकि पुरणी दुनिया अब अस्तित्व मा नि च।” Gade chapit la |