दिब्य दरस 20:3 - Garhwali3 अर स्वर्गदूत न वेतैं अधलोक मा ढोळि दिनी, अर अधलोक तैं बन्द कैरिके वे पर मोर लगै दिनी, ताकि जब तक एक हजार साल पूरा नि ह्वे जा, तब तक उ देस-देस का लोगु तैं भरमै नि सैको। अर येका बाद जरुरी च कि वेतैं कुछ देर खुणि छुड़ै जौ। Gade chapit la |
अर जु दैंत तिन देखि, पैलि उ ज्यून्द छौ पर अब वु मोरि गै, मगर उ फिर से ज्यून्द ह्वेके अधलोक बटि निकळि के आलु, अर वेको नास फिर से ह्वे जालु। अर धरती पर रौण वळा जौं लोगु का नौ दुनियां की शुरुवात बटि जीवन की किताब मा नि लिख्यां छिन, वु सब लोग वे दैंत का दगड़ा मा जु कुछ भि ह्वे देखि के बड़ु ताजुब करला।
अर उ धरती का लोगु तैं भरमौणु रै, किलैकि ये दैंत का पास समुन्दर वळा दैंत की तरौं चमत्कार करण को अधिकार दिये गै। अर ये दैंत न धरती का लोगु तैं समुन्दर वळा दैंत की मूरत बणौणु कू बोलि, हाँ वे ही दैंत की जैका मुण्ड़ पर तलवार से एक इन्दरि चोट लगि छै कि वेकी बचण की उम्मीद नि छै, मगर वेको उ घौ खूब ह्वे गै छौ।