दिब्य दरस 19:3 - Garhwali3 फिर दुसरि बार ऊंन बोलि, “हाल्लेलूय्याह, हे बेबीलोन नगर तेरा फूक्योंण को धुंवा हमेसा-हमेसा तक उड़णु रालु।” Gade chapit laगढवली नयो नियम3 फिर दुसरी बार ऊंल बोलि, पिता परमेश्वर की स्तुति हो, बाबेल तैं नाश कन वली आग बट्टी निकलण वला धुवां कभी भि बंद नि होलो। Gade chapit la |
हे मेरा भै-बैंणो, मि तुमतै यू भि याद दिलौण चान्दु कि जन सदोम, अमोरा अर वेका आस-पास का नगरों का लोग गळत सम्बन्ध रखण वळा ह्वे गै छा, इख तक की उखा लोग अपणा सरील की इच्छा तैं पूरु करण खुणि एक बैख दुसरा बैख का दगड़ा मा सरील का गळत सम्बन्ध रखण लगि गै छा। तब वे बगत मा पिता परमेस्वर न ऊं नगरों को कभि नि बुझण वळी आग का द्वारा नास कैर दिनी, अर आज वु सब हम सभ्यों खुणि सदनि खुणि एक उदारण बणि गैनी।