दिब्य दरस 14:10 - Garhwali10 त परमेस्वर का परकोप वे पर आलु। अर उ इन्द्रया लोगु तैं अपणा पवित्र स्वर्गदूतों अर मेम्ना की नजर का समणि ही आग अर गंधक की पीड़ा मा डालि द्यालु, जु ऊं खुणि परमेस्वर का गुस्से की दारु च ज्वा की ऊं पर अखणै जालि। Gade chapit laगढवली नयो नियम10 त उ पिता परमेश्वर का प्रकोप की दाखमधु तैं बगैर मिलावट का, वेका गुस्सा का कटोरा मा डले गै, जु वे तैं पयालो अर पवित्र स्वर्गदूतों का संमणी अर चिनखा का संमणी आग अर गन्धक की पिड़ा मा पुड़लो। Gade chapit la |
हे मेरा भै-बैंणो, मि तुमतै यू भि याद दिलौण चान्दु कि जन सदोम, अमोरा अर वेका आस-पास का नगरों का लोग गळत सम्बन्ध रखण वळा ह्वे गै छा, इख तक की उखा लोग अपणा सरील की इच्छा तैं पूरु करण खुणि एक बैख दुसरा बैख का दगड़ा मा सरील का गळत सम्बन्ध रखण लगि गै छा। तब वे बगत मा पिता परमेस्वर न ऊं नगरों को कभि नि बुझण वळी आग का द्वारा नास कैर दिनी, अर आज वु सब हम सभ्यों खुणि सदनि खुणि एक उदारण बणि गैनी।