दिब्य दरस 13:10 - Garhwali10 जैतैं कैदी होणु खुणि ठैरैये गै वेतैं जेलखाना मा डळै जालु, जैतैं तलवार से मरे जाण खुणि ठैरैये गै उ तलवार से मरे जालु, इलै ईं बात तैं जाणि ल्या कि बिस्वासी लोगु तैं सबर अर बिस्वास मा बणयूं रौण की जरुरत च। Gade chapit laगढवली नयो नियम10 जु लुखुं तैं कैद किये जांण तय च, उ जरुर कैद किये जाला, अर जौं कु तय च कि उ तलवार बट्टी मरै जा उ निश्चित रूप मा तलवार से मरै जाला। इलै की जरूरी च कि पिता परमेश्वर का लोग ऊं मुसिबतों तैं सह जौको उ अनुभव करदींनि अर विश्वास कन मा मजबूत रा। Gade chapit la |
“हे इफिसुस नगर का बिस्वासी लोगु, मि तुमरा काम अर तुमरि कड़ी मेनत का बारा मा जणदु छौं, अर दुख का बगत मा तुमरा सबर रखण की ताकत का बारा मा भि मि जणदु छौं, अर मि इन भि जणदु कि तुम बुरा लोगु तैं बरदास नि कैरी सकदी, जु खुद तैं मेरा खास चेला बतौन्दिन, पर असल मा ऊ छैई नि छिन। अर तुमुन ऊं लोगु की जाँच-पड़ताल कैरी अर ऊंतैं झूठ्ठु पै।
अर जब देस-देस का लोग तुम से गुस्सा ह्वेनि, त तुमरो परकोप ऊं पर भड़की गै। अर अब वु बगत ऐ गै जब तुम मुरयां लोगु को न्याय करिल्या, अर अब तुमरा सेवकों, रैबर्यों, अर सब पवित्र लोगु, अर जथगा भि लोग तुमरा नौ पर सरदा रखदिन ऊं सब सेवकों तैं इनाम दिये जालु, चै वु छुटा हो या बड़ा, मगर जौं लोगु न धरती तैं बरबाद कैरी तुम ऊंतैं खतम कैरी दिल्या।”
अर जु दैंत तिन देखि, पैलि उ ज्यून्द छौ पर अब वु मोरि गै, मगर उ फिर से ज्यून्द ह्वेके अधलोक बटि निकळि के आलु, अर वेको नास फिर से ह्वे जालु। अर धरती पर रौण वळा जौं लोगु का नौ दुनियां की शुरुवात बटि जीवन की किताब मा नि लिख्यां छिन, वु सब लोग वे दैंत का दगड़ा मा जु कुछ भि ह्वे देखि के बड़ु ताजुब करला।