दिब्य दरस 11:10 - Garhwali10 अर धरती मा रौण वळा लोग ऊंकी मौत पर खुशी मणाला अर मगन ह्वे जाला, अर वु एक-दुसरा तैं उपहार द्याला, अर इन ऊ इलै करला, किलैकि यों दुई रैबर्यों न धरती पर रौण वळो तैं अपणा रैबार का द्वारा भौत दुख दिनी। Gade chapit laगढवली नयो नियम10 ऊंकी मौत बट्टी पैली, ऊं द्वी गवाहों ल विपत्तियों का द्वारा लुखुं तैं इथग परेशान कैरी छो कि जब लुखुं ल सूंणि कि उ मोरि गैनी, त उ भौत खुश हवे गैनी। इथग कि उ खुशी ल जश्न मनांण लगि गैनी, अर एक-दुसरा तैं उपहार दींण लगि गैनी। Gade chapit la |
अर उ धरती का लोगु तैं भरमौणु रै, किलैकि ये दैंत का पास समुन्दर वळा दैंत की तरौं चमत्कार करण को अधिकार दिये गै। अर ये दैंत न धरती का लोगु तैं समुन्दर वळा दैंत की मूरत बणौणु कू बोलि, हाँ वे ही दैंत की जैका मुण्ड़ पर तलवार से एक इन्दरि चोट लगि छै कि वेकी बचण की उम्मीद नि छै, मगर वेको उ घौ खूब ह्वे गै छौ।