दिब्य दरस 11:1 - Garhwali1 तब मितैं नपणु खुणि एक फीता दिये गै, अर कैन मिकू बोलि, “उठ अर परमेस्वर का मन्दिर अर वेदी तैं नाप, अर वामा भक्ति करण वळो की गिनती कैर। Gade chapit laगढवली नयो नियम1 फिर मि तैं नपणु कु एक सिटगी दिए गै अर पिता परमेश्वर ल मि बट्टी बोलि, “ज अर मेरा स्वर्गीय मन्दिर अर वेदी तैं नापी ले, अर ऊं लुखुं की गिणती कैर जु उख मेरी आराधना कना छिनी।” Gade chapit la |
अर मनखि खुद परमेस्वर को मन्दिर च, किलैकि ज्यून्द परमेस्वर अपणी पवित्र आत्मा का द्वारा हम मा रौन्दु, इलै मूरतों का दगड़ा मा परमेस्वर का मन्दिर को कुई रिश्ता नि च। अर जन कि पवित्रशास्त्र मा भि लिख्यूं च की परमेस्वर इन बुल्दु कि, “मि ऊंमा रौलु, अर ऊंका दगड़ा मा चललु, अर मि ऊंको परमेस्वर होलु, अर ऊ मेरा लोग होला।”