दिब्य दरस 10:4 - Garhwali4 अर जब सात आवाज ह्वे गैनी, त मि लिखण वळु छौ, मगर मिन स्वर्ग बटि एक आवाज सुणी जैन मिकू बोलि, “सात आवाजों मा जु बुले गै, ऊंतैं लिख ना बल्किन मा छिपै के रख।” Gade chapit laगढवली नयो नियम4 जब सातों घुरांण का शब्द सुणै दींनि त मि लिखणु कु तैयार छो, पर मिल स्वर्ग बट्टी यु शब्द सूंणि, “जु घुरांण ल बोलि वे तैं छिपै के रख, अर नि लिख।” Gade chapit la |