मरकुस 9:43 - Garhwali43 “अर अगर जु तेरु हाथ त्वेसे पाप करौणु च त तू वेतैं काटी दे, किलैकि त्वे खुणि यू जादा खूब च कि तू अपंग ह्वेके सदनि का जीवन मा जा। अर अगर जु तू अपणा दुई हाथों समेत नरकलोक मा डळै जाणि छैई, त फिर त्वेतै क्या फैदा ह्वे। [ Gade chapit laगढवली नयो नियम43 पाप का वे कारण तैं अफ बट्टी दूर कैरी के निकाली दे अर वे तैं स्वीकार कर जन जु तेरु हथ त्वे तैं ठोकर लगौ त वे तैं काटि दे बगैर हथ त्वे तैं स्वर्ग मा जांण यां बट्टी भलो च कि द्वी हथ हवे कै भि नरक कि आग मा डाले जौ ज्वा कभि बुझदि नि च। Gade chapit la |
हे मेरा भै-बैंणो, हम इन्द्रया ही भौत सा लोगु का बारा मा जणदा छां, जु कि बिस्वास का बारा मा हमतै हौसला देन्दा छिन। इलै अब हम पक्कु बिस्वास बणै के रखा, ठिक उन्नि जन एक खिलाड़ी अपणा बाटा मा औण वळी रुकावट तैं दूर करदु, ठिक इन्नि हम भि सब पापों तैं छोड़ि द्या अर सबर रखी के हरेक किसम की परेसानी तैं झेली के परमेस्वर का पिछनै चलण वळा बणा।