मगर जब उखा लोगु न वेको विरोध कैरी अर वे खुणि अनाप-सनाप बोलि, तब पौलुस न अपणा कपड़ों तैं झाड़ि के बोलि, “जु दण्ड तुमतै मिलण वळु च वांका जबाबदार तुम खुद ही छाँ, मि बेकसूर छौं। अर सुणा, अब बटि मि ऊं लोगु का बीच मा जौलु जु कि यहूदी जाति का नि छिन।”
तब गिरासेनियों मुलक का आस-पास का नगर बटि अयां लोगु न यीशु बटि बिन्ती कैरी, कि हमरा मुलक बटि चलि जा, किलैकि ऊ भौत डौऽरी गै छा। इलै यीशु उख बटि वापिस जाणु खुणि नाव मा बैठि गै।
“अर जु चीज पवित्र छिन, ऊंतैं कुकरों तैं नि द्या, अर ना ही अपणा मोति सुंगरों का अगनै डाला, कखि इन नि हो की वु ऊंतैं अपणा खुटों का तौळ दबै द्या, अर पिछनै मुड़ि के तुमतै फाड़ी द्या अर टुकड़ा-टुकड़ा कैरी द्या।”
अर हमुन अद्रमुत्तियुम नगर बटि पाणि का एक जाज मा बैठि के अपणु सफर शुरु कैरी। अर ये जाज न आसिया का बंदरगाहों से ह्वेके जाण छौ, अर हमरा दगड़ा मा मकिदुनिया मुलक को अरिस्तर्खुस भै भि छौ, जु की थिस्सलुनीकी नगर को रौण वळु छौ।