अर जु रोमी सुबेदार अर दुसरा सिपै यीशु की पैरेदारी कना छा, ये भ्वींचळा का औण से अर जु कुछ भि ह्वे वां से ऊ भौत डौऽरी गैनी। तब ऊंन बोलि, “सच्चि मा यू परमेस्वर को पुत्र छौ।”
अर ईं बात तैं सुणी के पौलुस न सुबेदारों मा बटि कै एक तैं अपणा पास बुलै अर वेकू बोलि, “साब, ये ज्वान नौना तैं पलटण का सेनापति का पास लि जा, किलैकि यू ऊंतैं एक खबर सुनौण चाणु च।”
अर नासरत नगर तैं छुड़ण का बाद उ कफरनहूम नगर मा रौण लगि गै। अर कफरनहूम नगर झील का छाला पर बस्यूं च, अर जबूलून और नप्ताली का गोत्र का लोग ये मुलक मा रौन्दा छा।
अर जब दक्छिण दिसा बटि हवा कम-कम चलण लगि गै, त हमतै लगि, कि अब त हमरि फीनिक्स नगर जाण कि योजना पूरि ह्वे जालि। इलै हमुन जाज को लंगर उठे अर क्रेते टापू का छाला ही छाला ह्वेके अगनै जाण लगि ग्यां।
तब सेनापति न अपणा दुई सुबेदारों तैं बुलै अर ऊंकू बोलि, “सुणा दुई सौ सिपै, अर सत्तर घुड़सवार, अर दुई सौ भाला चलौण वळा सिपै तयार कैरा, अर राति नौ बजी तक ऊंतैं कैसरिया नगर जाणु खुणि तयार रखा।
मगर जब सिपै पौलुस तैं कोड़ा मरणु खुणि चमड़ा का ज्यूड़ोळ बान्धि, त पौलुस न उखम खड़ा सुबेदार कू बोलि, “साब, एक बात बता अगर कुई रोमी नागरिक जैको अपराध सिद्ध नि ह्वे हो, त क्या या बात नियम का मुताबिक सही च?”
हे कफरनहूम नगर का लोगु, तुम क्या सोचद्यां कि तुमतै स्वर्ग तक ऊँचो किये जालु, ‘नऽ रे ना’ तुमतै त अधलोक मा डळै जालु, किलैकि सामर्थ का जु काम तुम लोगु का बीच मा किये गैनी, अगर वु सदोम नगर मा किये जान्दा, त वु नगर आज तक बणयूं रौन्दु।
अर याफा नगर का बिस्वासी लोगु न सुणी कि पतरस लुद्दा नगर मा च, त ऊंन दुई लोगु तैं वेका पास भेजि के वेसे बिन्ती कैरी कि, “तुम जल्दी से जल्दी हमरा पास ऐ जा।” अर यू लुद्दा नगर याफा नगर का नजदीक ही छौ।