44 तब उ ऊंतैं छोड़ि के चलि गै, अर फिर से तिसरी दौं भि ठिक उन्नि प्रार्थना कैरी।
44 ऊं तैं छोड़ी के उ फिर चलि गै अर उन ही फिर तिसरी बार पिता परमेश्वर बट्टी प्रार्थना कैरी।
अर यां का बारा मा मिन प्रभु से तीन बार बिन्ती कैरी, कि उ ये कष्ट तैं मेरा सरील बटि दूर कैरी द्यो,
अर यीशु न अपणा चेलों तैं हमेसा प्रार्थना करण का बारा मा अर हिम्मत नि छुड़ण का बारा मा बतौणु खुणि ऊंतैं एक उदारण सुणै। वेन ऊंकू बोलि कि,
अर प्रार्थना कन बगत तुम ऊं लोगु की तरौं जादा बक-बक नि कैरा जु पिता परमेस्वर तैं नि मणदिन, किलैकि ऊ सोचदिन की जादा बोन्न से ऊंकी प्रार्थना जल्दी सुणै जालि।
तब यीशु दुबरा ऊं तीनों का पास ऐ, अर ऊंतैं फिर से सियूं देखि, किलैकि यू तीनों का आंख्यों मा निन्द बौळीं छै।
तब यीशु अपणा चेलों का पास ऐ अर वेन ऊंकू बोलि, “अरे, तुम अभि तक सिणा छाँ अर आराम करण पर लग्यां छाँ। सुणा, अब उ बगत ऐ गै कि मनखि को पुत्र पापि लोगु का हाथ मा पकड़वै जाणु च।