10 अर ना ही तुम खुद कू मालिक बुलवयां, किलैकि तुमरो एक ही मालिक च याने कि मसीह जु कि मि छौं।
10 अर अफ तैं गुरु जी भि नि बुल्यां किलैकि तुमारो एक ही गुरु च जु कि मसीह च।
मगर तुम दुसरा लोगु बटि खुद तैं गुरु नि बुलवयां, किलैकि तुमरो एक ही गुरु च, अर तुम सब आपस मा भै छाँ।
अर ना ही ईं धरती पर कै कू आत्मिक पिता बुलयां, किलैकि तुमरो एक ही पिता च जु की स्वर्ग मा च।
इलै जु कुई तुम मा बड़ु होण चान्दु, उ तुमरि सेवा कैरुं।
वेन ऊंकू बोलि, “नगर मा फलणा मनखि का पास जा, अर वेकू बोला, गुरुजी बोन्ना छिन, कि ‘मेरु बगत नजदीक ऐ गै। अर मि अपणा चेलों का दगड़ा तेरा घौर मा फसह को त्योवार मणौलु।’”
अर सेवा भि कई किसम की छिन, पर प्रभु एक ही च।