16 पर अकसर यीशु ऊं बटि अलग ह्वेके निर्जन जगा मा जैके प्रार्थना करणु कू चलि जान्दु छौ।
16 पर यीशु एकांत जंगल मा अलग जै के परमेश्वर बट्टी प्रार्थना कनु रौंदु छो।
अर ऊं ही दिनों मा यीशु प्रार्थना करणु कू पाड़ पर गै, अर पूरि रात परमेस्वर बटि प्रार्थना कैरी।
अर लोगु तैं विदा करण का बाद, उ खुद प्रार्थना करणु कू पाड़ पर चलि गै। अर यू रात होण को बगत छौ, अर उख उ इखुली छौ।
अर जब वेन लोगु तैं विदा कैरी दिनी, त वु प्रार्थना करणु खुणि पाड़ पर चलि गै।
तब यीशु न यू जाण्यालि कि, “यू लोग मितैं पकड़ी के जबरदस्ती अपणु राजा बणौण चाणा छिन।” इलै उ फिर से इखुली ही ढौंडा मा चलि गै।
यूहन्ना का जेलखाना मा डळै जाण से पैलि, जब सब लोग बपतिस्मा लिणा छा, तब यीशु न भि बपतिस्मा लेई, अर जब उ प्रार्थना कनु छौ तब आसमान खुलि गै।
अर यों सब बातों का करीब आठ दिन बाद यीशु पतरस, याकूब अर यूहन्ना तैं अपणा दगड़ा मा प्रार्थना करणु कू एक ऊँचा ढौंडा मा लि गै।
अर जब यीशु प्रार्थना कनु छौ, त वेको मुख को रुप-रंग ही बदलि गै, अर वेका कपड़ा सफेद ह्वेके चमकण लगि गैनी।