42 तब ऊंन वेतैं भुड़यां माछु को एक कतर दिनी।
42 ऊंल ऊं तैं भुरयां माछो का कतर दींनि।
अर वु भौत खुश ह्वे गैनी, मगर फिर भि वु घंघतोळ मा छा अर अभि भि ऊंतैं ईं बात पर बिस्वास नि होणु छौ। इलै यीशु न ऊंतैं पूछी, “क्या इख तुम मा कुछ खाणु कू भि च?”
अर वेन ऊं बटि ले अर ऊंका समणि खै।
फिर वेन ऊंतैं चितै के आज्ञा दिनी, कि या बात कैतैं भि पता नि चलु। अर वींका ब्वे-बाब कू वेन बोलि, “वींतैं खाणु कू कुछ द्या।”
तब यीशु न ऐके रुट्टी लेई अर ऊंतैं देई, अर वेका बाद उन्नि ऊंतैं माछा भि दिनी।