36 अर सिपयों न भि वेको मजाक उड़ै। अर ऊंन यीशु का पास ऐके वेतैं अंगूरों को खट्टु रस देके बोलि,
36 सिपै भि नजीक ऐ के अर पींणु कु सिरका दे के ऊंकी मजाक करदा छा,
तब तुरन्त सिपयों मा बटि एक भागी के गै अर वेन एक स्पंच तैं सिरका मा भिजे, अर निगुंला का जांठा पर रखी के वेका गिच्चा पर लगै।
तब तुरन्त एक मनखि भागी के गै अर वेन एक स्पंच तैं सिरका मा भिजे, अर निगुंला पर स्पंच रखी के वेतैं पीणु कू दिनी अर बोलि, “रुकी जा, चला दिखद्यां कि एलिय्याह येतैं मूड़ी उतरणु खुणि मूड़ी औन्दु च, कि ना।”
तब ऊंन यीशु तैं तीत मिल्यूं अंगूरों को रस पीणु खुणि दे, मगर वेन उ चखी के पीण नि चै।
तब हेरोदेस अन्तिपास न भि अपणा सिपयों का दगड़ा मा यीशु को अपमान कैरिके वेको मजाक उड़ै, अर चटकिलु कपड़ा पैरै के वेतैं पिलातुस का पास वापिस भेजि दिनी।