अर यू बात ही हमतै इन दिखौन्दिन कि प्रभु परमेस्वर जणदु च कि जु लोग वेकी भक्ति करदिन, उ ऊंतैं कनकै भौत सा संकट से भैर निकळदु, अर बुरा लोगु तैं दण्ड देण खुणि कनकै न्याय का दिन तक रखदु।
मगर परमेस्वर का वे ही वचन का द्वारा आज को यू आसमान अर या धरती आग का द्वारा भसम करणु खुणि रखै गै, अर न्याय का दिन तक याने कि भक्ति नि करण वळा लोगु का नास होण तक यू इन्नि रखै जाला।
मगर तुम लोग त अपणा निठुर अर ढीट मन का कारण वेका खतरनाक दिन खुणि, याने कि जै दिन मा परमेस्वर को सच्चु न्याय परगट होलु, तुम वेका गुस्सा तैं अपणा खिलाप मा और भि जादा बढौणा छाँ।