14 इलै अपणा-अपणा मन मा इन ठाणि द्या, कि हमुन पैलि बटि कुई चिन्ता नि करण कि क्या जि बोन्न,
14 इलै अपड़ा-अपड़ा मन मा ठाणि कै रख्यां, तुम फिकर नि करयां कि हम ल क्य बुल्ण।
जब लोग तुमतै लि जैके ऊं लोगु का हवाला करला, त तुम पैलि बटि इन चिन्ता नि कर्यां कि हमुन क्या जि बोन्न, किलैकि पवित्र आत्मा वे ही बगत तुमतै सिखालु कि बोन्न क्या च। अर तुम उई बुलयां, किलैकि बुलण वळा तुम नि छाँ बल्किन मा पवित्र आत्मा च।