तब सेठ मनखि न वे अधरमी कर्ता-धर्ता की पुलबै कैरी, किलैकि वेन बड़ी चकड़ैति से काम कर्युं छौ।” अर यीशु न बोलि, “ईं दुनियां का लोग अफ दगड़ा का लोगु से लेण-देण का मामला मा आत्मिक लोगु से जादा चकडै़त होनदिन।
ब्यौ सब लोगु का बीच मा आदर की बात समझै जौ, अर पति अर पत्नी एक-दुसरा खुणि वफादार रा, किलैकि परमेस्वर गळत सम्बन्ध रखण वळा लोगु तैं, अर एक बैख या जनानि पर गळत नजर रखण वळो तैं जरुर दण्ड द्यालु।
अर ठिक उन्नि अगर कुई मनखि का पुत्र का खिलाप मा कुछ बोललु, त वेतैं माफी दिये जालि, पर अगर कुई पवित्र आत्मा का खिलाप मा कुछ बोललु, त वेको यू अपराध ना त ये युग मा अर ना ही औण वळा युग मा माफ किये जालु।”