50 पर जु बात यीशु न ऊंकू बोलि, वा ऊंका समझ मा नि ऐ।
50 पर जु बात वेल ऊंमा बोलि, ऊं बातों कु मतलब ऊं नि समझी सकिनि।
अर जौं बातों तैं यीशु बोन्नु छौ, ऊ बात वु नि समझ सकिनी। अर यों बातों को मतलब ऊं बटि छिप्यूं रै, इलै या बात चेलों का समझ मा नि ऐ।
मगर चेला वेकी ईं बात तैं नि समझिनी, किलैकि ऊं बटि ईं बात को मतलब छिपयै गै। इलै ऊ यीशु की ईं बात तैं नि समझिनी, अर ऊ वे बटि ईं बात को मतलब पूछण से भि डऽरदा छा।
मगर यीशु का चेला ईं बात तैं नि समझिनी, अर ऊ वे बटि ईं बात को मतलब पूछण से भि डऽरदा छा।