32 तब वु चेला चलि गैनी, अर जौं चेलों तैं यीशु न भेजि अर जन वेन ऊंकू बोलि छौ, ऊंन जैके ठिक उन्नि पै।
32 जु भिजे गै छा ऊंल जै के उन ही कैरी जन-जन वेल ऊंकु बुल्युं छो उन ही पै।
अर ऊ दुईया का दुई गैनी, अर जन यीशु न ऊंतैं बतै छौ ऊंन उन्नि पै, तब ऊं दुईयों न फसह की तयारी कैरी।
अर अगर कुई तुम बटि पूछलु, किलै खुलणा छाँ रे येतैं? त इन बुलयां कि, ‘प्रभु तैं येकी जरुरत च।’”
अर जब वु गधा का बच्चा तैं खुलणा छा त वेका मालिकों न ऊंतैं पूछी, “किलै खुलणा छाँ रे ये बच्चा तैं?”