अर उख जैके गलील मुलक का नासरत गौं मा बसी गै, ताकि परमेस्वर का रैबर्यों द्वारा बुलयूं उ वचन पूरु ह्वे जौ जु कि इन च कि, “वे मनखि कू नासरत गौं को बुले जालु।”
किलैकि पवित्रशास्त्र मा भि इन लिख्यूं च कि, “ठिक बगत पर मिन तेरी प्रार्थना तैं सुणी, अर छुटकारा का दिन मिन तेरी मदद कैरी।” सुणा, खुशी को वु बगत यू ही च अर बचयै जाण को वु दिन यू ही च।
त मि तुमतै अर सब इस्राएली लोगु तैं बतै देन्दु, कि नासरत गौं का यीशु मसीह का नौ से यू मनखि तुमरा समणि तन्दुरुस्त खड़ु च। अर ये ही यीशु तैं तुमुन क्रूस पर चड़ै दिनी, पर परमेस्वर न वेतैं मुरदो मा बटि ज्यून्द कैरी।
“हे इस्राएल का लोगु, इथगा ही ना बल्किन मा मेरी यों बातों तैं भि सुणा, परमेस्वर न नासरत गौं का यीशु का द्वारा तुमरा बीच मा बड़ा-बड़ा चमत्कार का चिन्न अर भौत सरा अदभुत काम कैरिके दिखैनि। अर यों कामों से इन परमाण दिनी कि उ परमेस्वर को भेज्यूं एक मनखि च, अर वेका बारा मा तुम सब जणदा ही छाँ।
तब फिलिप्पुस नतनएल बटि मिली अर वेन वेकू बोलि, “जैका बारा मा मूसा न अपणा नियम-कानून मा अर परमेस्वर का रैबर्यों न अपणी किताबों मा लिख्यूं च, उ हमतै मिली गै। अर उ यूसुफ को नौनु नासरत गौं को यीशु च।”