26 इलै वेन एक नौकर तैं बुलै अर वे बटि पूछी कि, ‘आज घौर मा होणु क्या च?’
26 त वेल एक नौकर बुलै अर पूछि यु क्य हूंणु च?
“मगर वे बगत वेकू बड़ु नौनु पुंगड़ा मा छौ। अर जब उ पुंगड़ा बटि वापस ऐ अर अभि उ घौर का नजदीक ही छौ, कि वेतैं नचण अर गाजा-बाजों की आवाज सुणै।
अर वे नौकर न वेकू बोलि, ‘साब, तुमरो भुला अयूं च अर मालिक साब न वेतैं सुख-सन्ति पै, इलै ऊंन ढबडूबो बखरु कटवै।’
जब वे अन्धा मनखि न भीड़ की आवाज सुणी, त उ पूछण लगि गै, “अरे, इख क्या होणु च?”
अर यू देखि के सब लोग हकदक छा अर बड़ी उळझण मा पोड़यां छा तब ऊ एक-दुसरा बटि पूछण लगि गैनी, “आखिर मा यू सब होणु क्या च?”