49 तब यीशु न ऊंकू बोलि, “मि धरती मा आग लगाणु कू अयूं छौं, अर मेरी इच्छा च की या अभि सुलगी जौ।
49 मि धरती मा आग लगांणु कु अयुं छौं अर क्य चांदु की या अभि सुलगी जौ।
अर जबरि तक दिन च तबरि तक यू जरुरी च कि हम वेका कामों तैं पूरु कैरी द्या जैन मितैं भेजि च, किलैकि देखा, रात होण वळी च तब कुई भि काम नि कैरी सकदु।
पर जै नौकर तैं अपणा मालिक की मनसा का बारा मा पता नि हो अर वेन मार खाण वळा काम कियां हो, त उ कम मार खालु। इलै जैतैं जादा दिये गै वे बटि जादा मांगे जालु, अर जैमा जादा सौंपे गै वे बटि जादा लिये जालु।”
अर मिन एक बपतिस्मा लेण, अर जबरि तक यू बपतिस्मा नि ले ल्यूं तबरि तक मिन इन्नि बेचैनी मा ही रौण?