9 तब नीकोदिमुस न वे बटि बोलि, “गुरुजी, इन कनकै ह्वे सकदु?”
9 नीकुदेमुस ल वे तैं जवाब दींनि, कि यु बात कनके हवे सकदींनि?
अर यीशु की बातों तैं सुणी के वेका पिछनै चलण वळा भौत सरा लोगु न बोलि, “यों बातों पर चलण त बड़ु कठिन च, यों तैं कु स्वीकार कैरी सकदु?”
तब ईं बात पर यहूदी आपस मा घपरोळ करण लगि गैनी कि, “यू मनखि कनकै हमतै अपणु बदन खाणु कू दे सकदु च?”
तब मरियम न स्वर्गदूत कू बोलि, “इन कनकै ह्वे सकदु? किलैकि अभि तक त मि कुंवारी छौं।”
तब नीकोदिमुस न वेकू बोलि, “मनखि जब बुढ्या ह्वे जान्दु, त उ फिर कनकै जनम ले सकदु? क्या उ दुबरा अपणी माँ की कोख मा वापिस जैके दुसरि दौं जनम ले सकदु च?”
किलैकि हवा जनै चान्दी उनै जान्दी अर तुम बस वीं की आवाज सुणद्यां, पर नि जणद्यां कि वा कनै बटि औणी अर कख कू जाणि च। ठिक उन्नि हरेक मनखि जु पवित्र आत्मा बटि जनम ल्युन्दु उ भि इन्द्रयो ही च।”
अर यीशु न वेकू बोलि, “तुम त इस्राएली लोगु का गुरु छाँ, फिर भि यों बातों तैं नि समझद्यां?