अर मि त वे मनखि तैं नि पछ्याणदु छौ, पर जै परमेस्वर न मितैं पाणि बटि बपतिस्मा देणु कू भेजि, वेन मिकू बोलि, कि ‘जै पर तू पवित्र आत्मा तैं उतरद अर ठैरिद दिखली, उई पवित्र आत्मा बटि बपतिस्मा देण वळु च।’
तब जकरयाह न अपणा नौना खुणि बोलि कि, “हे मेरा नौना, त्वे खुणि सबसे महान परमेस्वर को रैबर्या बुले जालु। किलैकि तू प्रभु का औण से पैलि वे खुणि बाटु तयार करली।
पर स्वर्गदूत न वेकू बोलि, “हे जकरयाह, डौऽर ना, किलैकि तेरी प्रार्थना तैं परमेस्वर न सुण्यालि। अर अब तेरी घरवळी इलीशिबा एक नौना तैं जनम द्याली, अर तू वेकू नौ यूहन्ना रखी।
चला इन बता कि यूहन्ना तैं बपतिस्मा देण को अधिकार परमेस्वर न दे छौ, या यू अधिकार वेतैं लोगु न दे छौ?” तब ऊ आपस मा बात-चित कैरिके बोन्न लगि गैनी, “अगर जु हम इन बुलला कि, ‘वेतैं यू अधिकार परमेस्वर की तरफा बटि मिल्यूं च,’ तब वेन हम कू बोन्न कि, ‘त फिर तुमुन वेका वचनों पर बिस्वास किलै नि कैरी?’