किलैकि ऊ परमेस्वर तैं जणदा छिन, मगर ऊंन वेतैं वु आदर-सम्मान नि दिनी जु कि वेको च अर ना ही ऊंन वेको धन्यवाद कैरी। मगर वु लोग त वेका बारा मा बुरा विचार रखण लगि गैनी अर इनकै ऊंका मनों मा अन्धेरु समै गै।
अर यू इलै जरुरी च, किलैकि भौत सा लोग छिन, जु आज्ञाओं तैं नि मणदिन अर बेमतलब की बात करदिन, धोखा देन्दिन, अर खास कैरिके यू ऊ यहूदी लोग छिन, जु इन सिखौन्दिन कि खतना का रिवाज तैं पूरा करण जरुरी च।
अर चौकस रा, कखि कुई अपणी बेकार की बातों अर मन से बणईं शिक्षा का द्वारा तुमतै धोखा देके अपणु सिकार नि बणै द्यो, अर या शिक्षा मनखियों की बुलिं औखाणों अर दुनियां कि पुरणि शिक्षाओं का मुताबिक च, इन्दरि शिक्षा यीशु मसीह का मुताबिक नि च।
अर जब हम यीशु मसीह पर बिस्वास करद्यां, त वेका बाद खतना का रिवाज तैं पूरु करण या नि करण से कुई फैदा नि च, पर केवल बिस्वास ही च जु कि दुसरा लोगु पर हमरा प्यार की छाप तैं लगौन्दु।
हे मेरा प्यारा भै-बैंणो, तुम एक साधारण मनखि छाँ, अर पिता परमेस्वर का दगड़ा मा बहस करण को कुई मतलब नि बणदु। अर जब कुई चीज बणयै जान्दी, त वा चीज अपणा मालिक कू इन नि बोलि सकदी कि, “तिन मितैं इन किलै बणै?”