20 किलैकि जु धरमी काम होणु खुणि परमेस्वर की मनसा च, उ मनखि का गुस्सा करण का द्वारा पूरा नि होनदिन।
20 किलैकि आदिम का गुस्सा बट्टी पिता परमेश्वर की धार्मिकता को उदेश्य पूरो नि हूंद।
अर जब तुमतै गुस्सा अऽ त पाप नि कर्यां, बल्किन मा घाम अछयौण से पैलि अपणा गुस्सा तैं थूकि द्या,
पर मि तुमतै बतै देन्दु कि, जु कुई भि कै मनखि से नाराज हो, अर वेको अपमान कैरो अर बोलो ‘अरे बेकूप’ त वेतैं कचैरी मा दोषी ठैरै के दण्ड मिललु। अर अगर जु कुई अपणा भै-बैंण कू बोललु ‘अरे मूरख’ त उ नरकलोक की आग मा डळै जालु।