अर जबरि तक पवित्रशास्त्र को “आज” शब्द हमरा दगड़ा मा चलणु च, तबरि तक तुम लोग एक-दुसरा को हौसला बढौणा रा। अर ईं बात तैं ध्यान मा रखा कि कुई भि बिस्वासी मनखि धोखा खै के कखि पाप मा नि पोड़ि जौ, अर इन करण से अपणा मन तैं पिता परमेस्वर खुणि निठुर नि कैरी द्यो।
त क्या उ जु मि खुणि भलु छौ, वु ही मि खुणि मौत को कारण बणि गै? नऽ रे ना इन नि च, बल्किन मा यू त पाप छौ जु कि वीं अच्छे का द्वारा मि खुणि मौत की वजा बणि, ताकि पाप परगट ह्वे जौ। अर जु कुई भि इन करदु उ पिता परमेस्वर का खिलाप मा जैके वेकी आज्ञाओं को पालन नि करदु।
जब कुई बुरी इच्छा से अजमैसों मा पोड़दु, त उ इन नि बोलो, कि मेरी या अजमैस परमेस्वर की तरफा बटि होणी च। किलैकि नऽ त बुरी बातों से परमेस्वर तैं अजमैसों मा डळै जै सकदु, अर ना ही उ खुद कैतैं अजमैसों मा डलदु।