इब्रानी 9:26 - Garhwali26 अर अगर ज्वा इन बात ही रौन्दी, त यीशु तैं दुनियां की शुरुवात से अभि तक बार-बार दुख उठौण पोड़दु, मगर वेन खुद तैं आखिरी का दिनों मा एक ही बार सदनि खुणि परगट कैरियाली, ताकि अपणा बलिदान का द्वारा उ पाप तैं मिटै सैको। Gade chapit la |
अर ईं दुनियां वळा तम्बू मा जब महा पुरोहित सालभर मा एक बार भितर जान्दु छौ, त उ बलिदान मा चड़यां बखरों अर बोड़ो का ल्वे तैं दगड़ा मा लि जान्दु छौ, ताकि लोगु तैं ऊं पर लग्यां पापों का इळजाम से माफी मिली जौ। अर मूसा का दियां नियम-कानूनों का मुताबिक जब लोग परमेस्वर की नजर मा अशुद्ध ह्वे जान्दा छा, त वु वेकी भक्ति का काबिल नि रौन्दा छा। अर जब तक ऊं लोगु पर बलिदान मा चड़यां बखरों अर सांड़ो को ल्वे, अर बछरों की राख छिड़के नि जौ तब तक ऊ लोग शुद्ध नि मणै जान्दा छा। मगर हमरा यीशु मसीह न इन नि कैरी, बल्किन मा वु खुद अपणु ल्वे देके वीं पवित्र जगा मा एक ही बार गै, अर इन कैरिके वेन सदनि खुणि हमतै पापों से छुटकारु दे दिनी।
हे मेरा भै-बैंणो, यीशु मसीह जु कि एक धरमी मनखि छौ, वेन सब अधरमी लोगु का पापों का खातिर एक बार ही दुख उठे। अर यू सब वेन इलै कैरी, ताकि उ तुम लोगु तैं पिता परमेस्वर का नजदीक लेके ऐ सैको। हालांकि, यीशु का सरील तैं नास किये गै, मगर वे बगत मा वेन कैद होईं आत्माओं का बीच मा भि जैके परचार कैरी। अर पिता परमेस्वर न अपणी आत्मा की ताकत से यीशु तैं मुरदो मा बटि ज्यून्द कैरी।
किलैकि यीशु मसीह मा पाप ही नि छौ, अर वेन खुद तैं एक बलिदान का रुप मा पिता परमेस्वर का समणि दे दिनी, अर यू बलिदान आत्मिक अर सदनि तक रौण वळु च। इलै वेको ल्वे भौत जादा महान च, जु कि हमरा जमीर तैं शुद्ध करदु, ताकि हम ज्यून्दा परमेस्वर की पवित्र सेवा कैरी सैका। अर हम इन्द्रयो कुई भि काम नि कैरा, जु की हमतै सदनि की मौत की तरफा लेके जौ।
अर जु दैंत तिन देखि, पैलि उ ज्यून्द छौ पर अब वु मोरि गै, मगर उ फिर से ज्यून्द ह्वेके अधलोक बटि निकळि के आलु, अर वेको नास फिर से ह्वे जालु। अर धरती पर रौण वळा जौं लोगु का नौ दुनियां की शुरुवात बटि जीवन की किताब मा नि लिख्यां छिन, वु सब लोग वे दैंत का दगड़ा मा जु कुछ भि ह्वे देखि के बड़ु ताजुब करला।
अर जब पिता परमेस्वर न आराम कैरी, त वीं ही जगा मा औणु खुणि वेन हमतै भि न्यूत्युं च हम जु की वे पर बिस्वास करद्यां, ताकि हम भि वीं जगा मा दाखिल ह्वे सैका। अर या बात इनकै सच्चि साबित होन्दी, किलैकि एक बार पिता परमेस्वर न मनखियों तैं देखि के बोलि कि, “मिन गुस्सा मा ऐके इन कसम खै की, ‘यू लोग मेरा आराम की जगा मा कभि भि दाखिल नि होला।’”