इब्रानी 9:10 - Garhwali10 अर यू रीति-रिवाज केवल मनखि तैं बन्नि-बन्नि कार्यक्रमों खुणि खुद तैं धुण अर खाण-पीण का बारा मा ही बतौन्दिन। अर ईं दुनियां मा रीति-रिवाज तब तक ही रौन्दिन जब तक कि ऊंतैं और भि जादा सुधार करण को बगत नि ऐ जौ। Gade chapit laगढवली नयो नियम10 किलैकि व पुरणी व्यवस्था भस यूं बातों पर जुड़ीं छै मतलब य कि एक आदिम तैं क्य खांण-पीण चयणु च अर दुसरा शुद्धिकरण का बारा मा; या विधि जैको कै भि आदिम बट्टी कुछ भि लींण-दींण नि च; यु तैं तब तक अभ्यास मा रखै गयै जब तक कि एक बढ़िया व्यवस्था नि बंणि जौं। Gade chapit la |
पर अब जु तुमुन परमेस्वर तैं पछ्याणयालि, या हम इन बोलि सकद्यां कि तुम भि परमेस्वर का नौ से जणे जाणा छाँ, त फिर तुम किलै दुनियां की नास होण वळी ऊं बातों का जनै लौटण छाँ जु तुमतै बचै नि सकदिन? अर तुम फिर से किलै गुलामी का सेवक होण चन्द्यां? मेरा दगड़्यों, तुम बेकार की बातों पर अपणु मन किलै लगौन्द्यां?