इब्रानी 7:1 - Garhwali1-3 हे मेरा भै-बैंणो, अब मि तुमतै मलिकिसिदक पुरोहित का बारा मा बतौन्दु कि वु कु च। मलिकिसिदक नौ को एक मनखि शालेम नगर को राजा अर सबसे महान परमेस्वर को पुरोहित छौ। अर वेका नौ को मतलब इन च कि, “एक इन्द्रयो राजा जु की परमेस्वर की नजर मा धरमी च” अर शालेम को मतलब, “शान्ति” से च, इलै वेकू शालेम को राजा भि बुले जान्दु। अर वेका ब्वे-बाब, अर वेका पितरों को कुई अता-पता नि च, अर ना ही वेका जनम अर मौत को कुई अता-पता। अर पुरणा जमना मा जब पितर अब्राहम राजाओं तैं हरै के वापिस औणु छौ, त वे बगत मा वेकी मुलाकात मलिकिसिदक से ह्वे अर वेन पितर अब्राहम तैं आसीस दिनी। तब पितर अब्राहम न राजाओं पर जीत हासिल करण से जु कुछ भि पै छौ वेन ऊं चीजों को दसुं हिस्सा वेतैं दिनी। अर जन परमेस्वर को पुत्र च ठिक उन्नि उ भि सदनि खुणि पुरोहित का रुप मा रौण वळु च। Gade chapit laगढवली नयो नियम1-3 यु मलिकिसिदक शालेम शहर कु राजा अर सबसे बड़ा पिता परमेश्वर कु याजक छो; वेको नौं कु मतलब छो “न्याय का दगड़ी शासन कन वलो राजा” अर शालेम का राजा कु मतलब च “शान्ति कु राजा” जब अब्राहम चार राजाओं तैं मारि के लौटि छो, तब मलिकिसिदक याजक वे तैं मिली अर वे तैं आशीष द्ये, अब्राहम ल मलिकिसिदक याजक तैं युद्ध मा जितण का बाद जु कुछ भि मिली छो, वेल वीं सभि चीजों कु दसवां हिस्सा (दशमांश) द्ये छो। जैको न त बुबा, न ब्वे, न वंशावली च, जै की न त दिनों की शुरुआत अर न जीवन कु अन्त च; पर पिता परमेश्वर का नौंनो का स्वरूप ठैरी कै उ हमेशा कु याजक बणयुं रै। Gade chapit la |