इब्रानी 12:16 - Garhwali16 अर कखि इन नि हो कि तुम लोगु मा बटि कुई भि कै का दगड़ा मा गळत सम्बन्ध रखण वळु ह्वे जौ। अर ना ही तुम मा बटि कुई एसाव का जन हो, जैन पवित्र चीजों की कदर नि कैरी, अर एक बगत का खाण का बदला मा वेन अपणु बड़ु नौनु होण को हक अपणा छुटा भै याकूब तैं ही बेचि दिनी। Gade chapit laगढवली नयो नियम16 इन नि हो, कि कुई आदिम व्यभिचारी, या अब्राहम का नाति, एसाव जन दुष्ट अर अधर्मी नि हो, किलैकि उ पैलो नौंनो छो, अर वे तैं पैलो नौंनो हूंणो कु अधिकार छो; पर वेल वे अधिकार को सम्मान नि कैरी अर इलै वेल अपड़ा छुटा भैय याकूब मा एक बार का खांणु कु अपड़ो जेठो नौंनो हूंण कु सब अधिकारों तैं बेचि दींनि। Gade chapit la |
अर मितैं ईं बात कि चिन्ता च कि जब मि तुमरा पास फिर से औलु, अर अगर जु तुमरा बीच मा भौत सा लोग अभि भि अपणा पुरणा पापों मा ही फंस्यां छिन, अर अपणा मनों मा गळत विचार रखदिन, या सरील का गळत सम्बन्ध रखणा छिन, जौन अपणा यों पापों से पस्ताप नि कैरी त मितैं तुमरि खातिर दीन होण पोड़लु, अर पिता परमेस्वर का समणि रुंण पोड़लु।
अर हम यू भि जणद्यां, कि परमेस्वर का नियम-कानून धरमी लोगु खुणि नि दिये गैनी, पर ऊं लोगु खुणि दिये गैनी जु लोग नियम-कानूनों तैं नि मणदिन, अर अधिकारी लोगु की बात नि मणदिन, परमेस्वर को आदर-सम्मान नि करदिन, पाप करदिन, दुष्ट जीवन जीण वळा छिन, अर परमेस्वर की बातों तैं नि मणदिन, अर ब्वे-बबों तैं जान से मरण वळा, अर हत्या भि करदिन।