गलातियों 2:5 - Garhwali5 पर हम जरा देर खुणि भि ऊं जासूसों की बातों का अगनै नि झुक्यां अर यू सब हमुन इलै कैरी, ताकि शुभ समाचार की ज्वा सच्चै तुमुन पै वा तुम मा बणि रौ। Gade chapit laगढवली नयो नियम5 हम ऊं लुखुं का दगड़ी एक पल कु भि सहमत नि हुयां, कि तुम वे सच्चा शुभ सन्देश पर विश्वास करदी रावा जु हम ल तुम तैं सिखै। Gade chapit la |
पर जब मिन देखि कि उ शुभ समाचार की सच्चै का मुताबिक सीदी चाल नि चलणा छिन, त मिन सभ्यों का समणि पतरस कू बोलि, “पतरस, जब तू एक यहूदी जाति को होण का बाद भि ऊंकी तरौं जीवन जीणी छैई, जु यहूदी जाति का नि छिन। त फिर तू ऊं लोगु तैं यहूदी रीति-रिवाजों का मुताबिक चलणु खुणि किलै मजबूर कनि छैई, जु यहूदी जाति का नि छिन?
अर जब हम तुमरा पास अयां, त तुमुन परमेस्वर का वचन तैं स्वीकार कैरी। अर वे वचन तैं मनखि को वचन नि समझि, बल्किन मा परमेस्वर को वचन समझि के अपणा जीवन मा स्वीकार कैरी। इलै ईं बात का खातिर हम लगातार परमेस्वर को धन्यवाद करद्यां। अर या बात सच्च च, किलैकि यू वचन सच्चि मा परमेस्वर को ही वचन च जु की तुम बिस्वासी लोगु का बीच मा काम कनु च।
तब पौलुस अर बरनबास की ऊं लोगु का दगड़ा मा ईं बात का बानो वाद-विवाद ह्वे, अर यू वाद-विवाद कुछ जादा ही बढी गै। तब बिस्वासी समुदाय का लोगु न ये सवाल का जबाब तैं पौण का बानो पौलुस अर बरनबास तैं अर ऊंका दगड़ा मा बिस्वासी समुदाय का कुछ और लोगु तैं यरूशलेम नगर कू भेजि, ताकि ऊ उख जैके खास चेलों अर अध्यक्षों बटि ईं बात को जबाब पै सैका।