35 अर खास चेला वीं रकम तैं जरुरतमन्द लोगु तैं ऊंकी जरुरत का मुताबिक ऊंमा बांटि देन्दा छा।
35 अर जथग भि जै तैं जरूरत हूंदी छै प्रेरितों वांका अनुसार सभियूं मा बांटि दींद छा।
अर वीं रकम मा बटि कुछ हिस्सा वेन अपणा ही पास छिपै के रखी दिनी, अर कुछ हिस्सा लेके खास चेलों का हाथों मा रखण लगि गै, अर ईं बात का बारा मा वेकी घरवळी भि जणदी छै।
अर ऊ अपणी जैजाद अर चीजों तैं बेचि के मिलण वळा रुपयों तैं ऊं लोगु मा बांटि देन्दा छा, जौं लोगु तैं जरुरत होन्दी छै।
अर वेका पास एक पुंगड़ु छौ, जैतैं वेन बेचि अर ज्वा रकम वेतैं मिली वा वेन खास चेलों का हाथों मा दे दिनी।
अर पतरस न बोलि, “सोना अर चांदी त मि मा नि च, मगर जु मेरा पास च वु मि त्वेतै देन्दु, नासरत गौं का यीशु मसीह का नौ से उठ अर चलण-फिरण लगि जा।”