अर कुई भि मनखि पिता परमेस्वर का समणि बड़ु मोन नि कैरी सकदु। अर वेन ही ज्ञानी लोगु की बेजती करणु खुणि, दुनियां का ऊं लोगु तैं चुणी जौं तैं कुछ नि समझै जान्दु। अर वेन ही दुनियां का कमजोर लोगु तैं भि चुणी, ताकि ऊ ताकतबर लोगु तैं सरमसार कैरी सैका। अर जु इन बुल्दिन कि हम खास लोग छां पिता परमेस्वर न ऊंतैं ना, बल्किन मा हम जन लोगु तैं जु कि दुनियां की नजर मा कुछ भि नि छा, अर नीच जात का मणै जन्द्यां। हाँ, हमतै ही जु कि कुछ नि छां पिता परमेस्वर न अफ खुणि चुण्यालि।