अर तीन मैना का बाद हम सिकन्दरिया नगर कू जाण वळा पाणि का एक जाज मा बैठ ग्यां, अर हमुन जाज को सफर शुरु कैरी अर यू जाज पूरा ह्यूँद बटि माल्टा टापू पर ही रुक्युं छौ। अर ये जाज पर दुई जौंळ्या भैयों को चिन्न बणयूं छौ, जु कि द्यबता छा।
अर जब हम सूर नगर बटि निकळि के पतुलिमयिस नगर पौंछयां, त हमरि समुन्दर की या यात्रा भि पूरि ह्वे गै। अर ये पतुलिमयिस नगर मा हमुन बिस्वासी भै-बैंणो का दगड़ा मा मुलाकात कैरी अर इख एक दिन तक रुक्यां रयां।
अर हमुन अद्रमुत्तियुम नगर बटि पाणि का एक जाज मा बैठि के अपणु सफर शुरु कैरी। अर ये जाज न आसिया का बंदरगाहों से ह्वेके जाण छौ, अर हमरा दगड़ा मा मकिदुनिया मुलक को अरिस्तर्खुस भै भि छौ, जु की थिस्सलुनीकी नगर को रौण वळु छौ।